Zihaal e Miskin - Acoustic Version - Javed-Mohsin

Zihaal e Miskin - Acoustic Version

Javed-Mohsin

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04:06

Song Introduction

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Lyric

याद रखूँगी मैं ये बेवफ़ाई, यार मेरे

सिर्फ़ लगी चाहत में तन्हाई हाथ मेरे

मैं दिल को समझा लूँगी...

मैं दिल को समझा लूँगी, तू ख़याल तेरा रखना

'ज़िहाल-ए-मिस्कीं मकुन-ब-रंजिश

बहाल-ए-हिज्रा बेचारा दिल है

सुनाई देती है जिसकी धड़कन

तुम्हारा दिल या हमारा दिल है

सुनाई देती है जिसकी धड़कन

तुम्हारा दिल या हमारा दिल है

टूटे दिल को जोड़ें कैसे? ये बताते जाओ

ज़िंदा रहने की बस हमको इक वजह दे जाओ

यूँ ना फेरो, हम से आँखें तो मिलाते जाओ

कोई वादा कर जाओ, कोई दुआ दे जाओ

मेरे लिए थोड़ी सी...

मेरे लिए थोड़ी सी दिल में तो जगह रखना

ख़ुशी तुम्हारी है जब इसी में

तो हम भी आँसू छुपा ही लेंगे

वजह जो पूछेगा ये ज़माना

कोई बहाना बना ही लेंगे

चाहे जो तू, पाए वो तू, ये मेरी फ़रियाद है

जी लें चाहें तुम बिन, यारा, होना तो बर्बाद है

जब तक ना मर जाएँ हम, उस पल का इंतज़ार है

इतना ही था कहना

कुछ माँग रही हूँ तुम से...

कुछ माँग रही हूँ तुम से, इंकार नहीं करना

इन्हें भी ले जाओ साथ अपने

ये साँसें मेरी जो काम आए

है थक चुका दिल धड़क-धड़क के

इसे भी थोड़ा आराम आए

- It's already the end -