Jab Tere Sheher Se - Ali Zafar

Jab Tere Sheher Se

Ali Zafar

00:00

04:34

Song Introduction

अली जाफर का नया गाना 'जब तेरे शहर से' संगीत प्रेमियों में खूब चर्चा में है। इस गीत में अली की मधुर आवाज़ और दिल को छू लेने वाले बोलों ने इसे खास बना दिया है। वीडियो में खूबसूरत दृश्यों के साथ रोमांटिक थीम को बखूबी प्रस्तुत किया गया है, जिससे दर्शक आकर्षित हो रहे हैं। 'जब तेरे शहर से' ने जल्द ही म्यूजिक चार्ट्स में अपनी जगह बना ली है और प्रशंसकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त कर रहा है।

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Lyric

तेरी रुसवाइयों से डरता हूँ

जब तेरे शहर से गुज़रता हूँ

जब तेरे शहर से गुज़रता हूँ

हाल-ए-दिल भी ना कह सका गरचे

तू रही मुद्दतों करीब मेरे

तू मुझे छोड़ कर चली भी गयी

तू मुझे छोड़ कर चली भी गयी

खैर, किस्मत मेरी, नसीब मेरे

अब मै क्यों तुझ को याद करता हूँ

जब तेरे शहर से गुज़रता हूँ

जब तेरे शहर से गुज़रता हूँ

कोइ पुरसान-ए-हाल हो तो कहूं

कोइ पुरसान-ए-हाल हो तो कहूं

कैसी आंधी चली है तेरे बाद

दिन गुज़ारा है किस तरह मैंने

रात कैसे ढली है तेरे बाद

रोज़ जीता हूँ, रोज़ मरता हूँ

जब तेरे शहर से गुज़रता हूँ

जब तेरे शहर से गुज़रता हूँ

वो ज़माना तेरी मोहब्बत का

वो ज़माना तेरी मोहब्बत का

एक भूली हुयी कहानी है

किस तमन्ना से तुझ को चाहा था

किस मोहब्बत से हार मानी है

अपनी किस्मत पे नाज़ करता हूँ

जब तेरे शहर से गुज़रता हूँ

अब में क्यूँ तुझ को याद करता हूँ

जब तेरे शहर से गुज़रता हूँ

रोज़ जीता हूँ, रोज़ मरता हूँ

जब तेरे शहर से गुज़रता हूँ

- It's already the end -