Mohabbat Kabhi Maine - Sonu Nigam

Mohabbat Kabhi Maine

Sonu Nigam

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05:29

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Lyric

ओ, जान-ए-जाँ, ये सच है कि मैं अपनी मोहब्बत का इज़हार कभी खुलकर ना कर सका

मगर मेरी आँखें हमेशा मेरे दिल की हालत बताती रही

और तू है कि मुझसे बेख़बर आज भी है

मेरे दिल की हर धड़कन सिर्फ तेरा नाम लेती है, सिर्फ तेरा नाम

मोहब्बत कभी मैंने की तो नहीं थी

किसी की निगाहों से पी तो नहीं थी

मगर ये अचानक हुआ क्या! हो-हो-ओ

मोहब्बत कभी मैंने की तो नहीं थी

किसी की निगाहों से पी तो नहीं थी

मगर ये अचानक हुआ क्या! हो-हो-ओ

तू साँसों में समाए, तू धड़कन को चुराए

कहीं दीवाना हो जाऊँ ना तेरा

तू साँसों में समाए, तू धड़कन को चुराए

कहीं दीवाना हो जाऊँ ना तेरा

पहली नज़र का पहला नशा

दिल में उतरता जाए सनम

शर्मा के मुझसे मिलना तेरा

जादू सा करता जाए सनम

ये बेक़रारी, ऐसी ख़ुमारी

पहले कभी तो मुझपे ना थी

कभी दिल पे यूँ बेख़ुदी तो नहीं थी

किसी से मुझे आशिक़ी तो नहीं थी

मगर ये अचानक हुआ क्या! हो-हो-ओ

कितने ही चेहरे देखे मगर

मैंने चुना है बस इक तुझे

हर पल हो मेरी बाहों में तू

मिल जाए ऐसी क़िस्मत मुझे

दिल ये पुकारा तेरा नज़ारा

करता हूँ जाऊँ, ओ, जान-ए-जाँ

मुझे पहले इतनी ख़ुशी तो नहीं थी

यूँ महकी हुई ज़िंदगी तो नहीं थी

मगर ये अचानक हुआ क्या! हो-हो-ओ

तू साँसों में समाए, तू धड़कन को चुराए

कहीं दीवाना हो जाऊँ ना तेरा

तू साँसों में समाए, तू धड़कन को चुराए

कहीं दीवाना हो जाऊँ ना तेरा

मोहब्बत कभी मैंने की तो नहीं थी

किसी की निगाहों से पी तो नहीं थी

मगर ये अचानक हुआ क्या! हो-हो-ओ

- It's already the end -