Dil Kehta Hai - Unplugged Version - Rahul Jain

Dil Kehta Hai - Unplugged Version

Rahul Jain

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03:12

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Lyric

वो दिन थे क्या हसीन

दोनों थे साथ में

और बाहें आपकी, थी मेरे हाथ में

तुम ही तुम ऐ सनम

मेरे दिन-रात में

पर इतनी बुलंदी पे तुम हो मेरी जान

आये ना दामन अब हाथ में

पाना तुमको मुमकिन ही नहीं

सोचे भी तो हम घबरातें हैं

तुम क्या जानो अब हम कितना, दिल ही दिल में पछताते हैं

दिल कहता हैं चल उनसे मिल

उठते ही कदम रुक जाते हैं

उठते ही कदम रुक जाते हैं

दिल जिग़र दोनों घायल हुवे

तीरे नज़र दिल के पार होगया

राजा को रानी से प्यार होगया

पहली नज़र में पहला प्यार होगया

दिल जिग़र दोनों घायल हुवे

तीरे नज़र दिल के पार होगया

हम तो जान देकर यू ही मर मिटे थे

सुन लो ऐ हसीनो ये हमसे अब न होगा

ऐसा जख़्म दिया हैं जो न फिर भरेगा

हर हसीन चेहरे से अब ये दिल डरेगा

- It's already the end -